जिंदगी है दो चार दिन की
चल खुल के सांस ले ले .
दोस्तों से भर ले दुनिया
दुश्मनों को दोस्त कर ले .
तू भी अच्छा मैं भी अच्छा
फिर हृदय है कौन मैला !
मैल ,धूल धरती पर सजती
देख हृदय में जगह न ले ले .
नफ़रतों की भीड़ में से
चन्द रहमतों को साथ ले ले .
जिंदगी है दो चार दिन की
चल खुल के सांस ले ले .