गुलाबी से इस शहर में
गुलाबी सा नशा है उनका भी
रात बीतती है इंतजार में उनके
और दिन ख्वाब में उनके ही
बंद आंखों में नशा ए इज़हार है
खुली आंखों में दीदार ए इंतजार उनका ही
ना वफा की उम्मीद ,ना दगा का डर
बस दिल में रखी एक तस्वीर सी उनकी ही ।
पल्लवी गोयल
चित्र गूगल से साभार