आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (17-7-22} को बादलों कीआँख-मिचौली"(चर्चा अंक 4493) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी। ------------ कामिनी सिन्हा
उस ख़्वाब के विषय में आपने स्पष्टतः तो नहीं बताया पल्लवी जी। कविता को पढ़कर अनुमान ही लगाया जा सकता है। लेकिन आपकी अभिव्यक्ति अच्छी है एवं वह ख़्वाब पूरा हो, यह मेरी शुभकामना है।
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (17-7-22}
को बादलों कीआँख-मिचौली"(चर्चा अंक 4493)
पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
बहुत सुंदर। बहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंउस ख़्वाब के विषय में आपने स्पष्टतः तो नहीं बताया पल्लवी जी। कविता को पढ़कर अनुमान ही लगाया जा सकता है। लेकिन आपकी अभिव्यक्ति अच्छी है एवं वह ख़्वाब पूरा हो, यह मेरी शुभकामना है।
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