नज़र नहीं आती मुझको ख्वाबों सी वह तस्वीर असलियत में कहीं। अंतर्मन की गाथा कहते ये शब्द ही मेरे अज़ीज़ हैं ........
जिंदगी तेरा शुक्रिया !
जो तूने मुझे चुना।
जब खुशियाँ दी तूने,
मैंने आसमान छुआ।
जब दु:ख दिये तूने,
मैंने अंतस को छुआ।
भीतर-बाहर दोनों का
रस,भर-भर के पिया।
तू जो भी दे मुझे ,
दिल से स्वीकार है।
तेरे हर रंग का मुझे,
रहता इंतजार है।
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