हसीन ख्वाब आते हैं और चले जाते हैं वास्तविकता के दर्द के परे ये अपनी ही दुनिया बनाते हैं स्थितियों का कोई दरवाजा इन्हें रोक नहीं पाता दिमाग में झलकती एक छाया की खुशबू ही पर्याप्त है........ इन्हें अपना धर्म निभाने देने के लिए कर्म करते बंद आँखों का इन्तजार भी इनसे नहीं होता खुली आंखें भी इस धर्म का हिस्सा बन जाती हैं वास्तविकता से एक नाता इनका अवश्य रहता है यदि ये दिमाग में रहे तो बुलबुले से फूट बिखर जाते हैं , और कहीं ह्रदय में पहुंचे तो , कभी हिम श्रृंखला छूने को मज़बूर करते कभी टेलीफ़ोन हवाई जहाज की शक्ल में ढल के संसार में बिखर जाते हैं। ......
खुशियां बताती हैं मुझे हर रोज़ दोस्ती करनी है तो उन ग़मों से कर जो तेरे हर पल के साथी हैं जा, दूर दूर तक मेरा और तेरा कोई नाता नहीं अनदेखी कर हर एक बात वो तो मैं ही हूँ जो हर दिन बहनापा दिखा सटी जाती हूँ