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शनिवार, 12 मई 2018

एक तस्वीर

  


गुलाबी से इस शहर में 

गुलाबी सा नशा है उनका भी 

रात बीतती है इंतजार में उनके

और दिन ख्वाब  में उनके ही 

बंद आंखों में नशा  ए इज़हार है  

खुली आंखों में दीदार ए इंतजार उनका ही

 ना वफा की उम्मीद ,ना दगा का डर 

बस दिल में रखी  एक तस्वीर सी उनकी ही ।

पल्लवी गोयल 
चित्र गूगल से साभार 

17 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' १४ मई २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

    टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।

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    1. नमस्कार ।
      देर से उत्तर देने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ ।रचना को स्थान देने के लिए हृदय से आभार ।
      सादर ।

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  2. वाह्ह्स...क्या बात है सुंदर रचना पल्लवी जी।

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    1. रचना पसंद करने के लिए आभार व्यक्त करती हूँ आपका श्वेता जी ।
      सस्नेह ।

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  3. बस दिल में रखी एक तस्वीर सी उनकी ही -----
    बहुत सुंदर अनुरागी भावों से भरी रचना प्रिय पल्लवी जी |सस्नेह

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    1. रेनू जी
      नमस्कार।प्रतिक्रिया के लिए आपका आभार ।आपके अनुराग से भरे शब्द आह्लादित कर देते है ।
      सप्रेम ।

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  4. निमंत्रण

    विशेष : 'सोमवार' २१ मई २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने साप्ताहिक सोमवारीय अंक के लेखक परिचय श्रृंखला में आपका परिचय आदरणीय गोपेश मोहन जैसवाल जी से करवाने जा रहा है। अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/



    टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।

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    1. आदरणीय
      रचना को शामिल करने के लिए आभार व्यक्त करती हूँ आपका ।कुछ कारणों से देर अवश्य हुईँ है परन्तु मंच पर अवश्य आऊँगी।
      सादर ।

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  5. जब तस्वीर उनकी है दिल में तो काहे की चिंता ....

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    उत्तर
    1. हा हा सच कहा आपने ।प्रतिक्रिया के लिए आभार ।
      सादर ।

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  6. जी प्रणाम ।
    ब्लॉग पर आपका स्वागत है ।रचना को सम्मान देने के लिए धन्यवाद ।
    देरी के लिए माफ़ी चाहती हूँ । आपके व्यक्तित्व से मैं बहुत प्रभावित हूँ ।प्रेमाशीष बनाये रखियेगा ।
    सादर ।

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